QABR PAR AZAAN DENA KAISA HAI(HINDI)
क़ब्र पर अज़ान देना 📚
आज कल काफी बद अक़ीदा ऐतराज़ करते है की मुर्दे को दफ़न करने के बाद उसकी क़ब्र पर अज़ान देना नाजाइज़ और बिद्अत है। लेकिन उन नादानों को पता नहीं की वो अज़ान मोमिनो की क़ब्र पर ही दी जाती है।
क्यों की शैतान का आखरी वार क़ब्र में ही होता है, और अज़ान सून कर शैतान कोसो दूर भागता है।
1⃣ आक़ा ﷺ ने फ़रमाया अज़ान की आवाज़ सून कर शैतान 36 मील दूर भाग जाता है।
📗Refrence (मुस्लिम शरीफ जिल्द-1, पेज- 147)
क़दीमी क़ुतुब खाना इमाम तिर्मिज़ी हदीस लिखते है की जब मुर्दे से क़ब्र में सवालात होते है तो शैतान मुदखलत (दखल अंदाज़ी) करता है।
📗Refrence (नवादिरुल उसूल पेज न. -322)
✅इस लिए हम सुन्नी मोमिन क़ब्र पर अज़ान देते है।
2⃣ आक़ा ﷺ एक क़ब्र पर देर तक बुलंद आवाज़ से सुभान अल्लाह और अल्लाह हुअकबर पढ़ते रहे फिर फ़रमाया की कलिमात की बरकत से क़ब्र की तंगी को दूर कर के कुशादा कर दिया गया।📗Refrence (मुसनदे अहमद जिल्द 3, पेज न.-360)
इस से पता चला अल्लाह हुअकबर की सदायें बुलंद करने से क़ब्र की तंगी दूर होती है।
3⃣ जब आदम अलैहिस्सालम जन्नत से दुनिया में उतारे तो आप को घबराहट हुई तो जिब्रील अलैहिस्सालम ने उतर कर अज़ान दी। 📗Refrence (हिलयतुल औलिया जिल्द-2, पेज न.-107)
पता चला की घबराहट के वक़्त भी अज़ान देनी जिब्रील अलैहिस्सालम की सुन्नत है,और मुर्दा क़ब्र में घबराता है इस लिए सुन्नी मोमिन क़ब्र पर अज़ान देते है।
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आज कल काफी बद अक़ीदा ऐतराज़ करते है की मुर्दे को दफ़न करने के बाद उसकी क़ब्र पर अज़ान देना नाजाइज़ और बिद्अत है। लेकिन उन नादानों को पता नहीं की वो अज़ान मोमिनो की क़ब्र पर ही दी जाती है।
क्यों की शैतान का आखरी वार क़ब्र में ही होता है, और अज़ान सून कर शैतान कोसो दूर भागता है।
1⃣ आक़ा ﷺ ने फ़रमाया अज़ान की आवाज़ सून कर शैतान 36 मील दूर भाग जाता है।
📗Refrence (मुस्लिम शरीफ जिल्द-1, पेज- 147)
क़दीमी क़ुतुब खाना इमाम तिर्मिज़ी हदीस लिखते है की जब मुर्दे से क़ब्र में सवालात होते है तो शैतान मुदखलत (दखल अंदाज़ी) करता है।
📗Refrence (नवादिरुल उसूल पेज न. -322)
✅इस लिए हम सुन्नी मोमिन क़ब्र पर अज़ान देते है।
2⃣ आक़ा ﷺ एक क़ब्र पर देर तक बुलंद आवाज़ से सुभान अल्लाह और अल्लाह हुअकबर पढ़ते रहे फिर फ़रमाया की कलिमात की बरकत से क़ब्र की तंगी को दूर कर के कुशादा कर दिया गया।📗Refrence (मुसनदे अहमद जिल्द 3, पेज न.-360)
इस से पता चला अल्लाह हुअकबर की सदायें बुलंद करने से क़ब्र की तंगी दूर होती है।
3⃣ जब आदम अलैहिस्सालम जन्नत से दुनिया में उतारे तो आप को घबराहट हुई तो जिब्रील अलैहिस्सालम ने उतर कर अज़ान दी। 📗Refrence (हिलयतुल औलिया जिल्द-2, पेज न.-107)
पता चला की घबराहट के वक़्त भी अज़ान देनी जिब्रील अलैहिस्सालम की सुन्नत है,और मुर्दा क़ब्र में घबराता है इस लिए सुन्नी मोमिन क़ब्र पर अज़ान देते है।
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