YAA ILAHI HAR JAGAH TERI AATA KA SAATH HO(HINDI)
“या इलाही, हर जगह #तेरी_अत़ा का साथ हो! “जब पडे मुश्कील शहे #मुश्कील_कुशा का साथ हो!! “या इलाही, भूल जाऊं #नज़आ की तकलीफ को! “शादीए दीदार #ह़ुस्ने_मुस्त़फ़ा का साथ हो!! “या इलाही, #गौरे_तीरह की जब आए सख़्त रात! “उनके प्यारे मुंह की सुबह़े जां #फिज़ा का साथ हो!! “या इलाही, जब पड़े मह़शर मे #शोरे_दारो_गीर! “अम्न देने वाले प्यारे #पेशवा का साथ हो!! “या इलाही, जब ज़ुबाने बाहर आएँ #प्यास से! “साहीबे #कौसर शहे जुदो अत़ा का साथ हो!! “या इलाही, सर्द मेहरी पे हो जब #ख़ुर्शीदे_ह़श्र! “सय्यदे बे साया के #ज़िल्ले_लिवा का साथ हो!! “या इलाही, गर्मी ए महशर से जब भड़कें #बदन! “दामने मह़बूब की ठंडी #ठंडी_हवा का साथ हो!! “या इलाही, #नामा_ए_आमाल जब खुलने लगें! “ऐब पोशे ख़ल्क़ #सत्तारे_ख़त़ा का साथ हो!! “या इलाही, जब बहें आंखे #ह़िसाबे_जुर्म में! “उन तबस्सुम रेज़ #होठों की द...
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